April 19, 2025

इस गाँव को किया गया है होमक्वारटाइन-लोगो को नही मिल रही कोई सुविधा-प्रशासन ध्यान दे….

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ब्यूरो रिपोर्ट

कोरोना की इस महामारी के चलते हुए जहां पूरे देश में लोक डाउन चल रहा है वही आज लोक डाउन को 20 दिन बीत चुके हैं प्रधानमंत्री की तरफ से जो 21 दिन का लोक डाउन किया गया था वह कल पूर्ण भी हो जाएगा लेकिन राज्य के कुछ जिलों में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद राज्य सरकारों ने फैसला लिया है कि जिन जिलों में 15 दिन के अंदर कोरोना वायरस के पॉजिटिव मिले हैं और कुछ जिले ऐसे हैं जिनमें 15 दिन तक कोई भी कोरोना का मामला सामने नहीं आया है उसी को देखते हुए A और B दो विभागों में जिलों को प्रभावित किया गया है

इस गाँव की भी सुने ओर समाधान कर प्रशासन।

हम बात कर रहे हैं हरिद्वार जिले के पनियाला गांव की जहां जमात से लौटे एक युवक में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई थी जिसके बाद से ही पूरे गांव को होम क्वारटाइन कर दिया गया था वही पूरे गांव में पुलिस प्रशासन को तैनात किया गया है जिसके चलते जो लोग कोरोना पॉजिटिव जावेद के संपर्क में आए थे उन सभी को गांव से ले जाकर कलियर गेस्ट हाउस के अंदर सभी लोगों को क्वार्टइन किया गया था वही उन सभी की जो जांच की गई है सभी की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है जिसके चलते ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है पर एक समस्या ग्रामीणों के सामने खड़ी है कि जो रोजमर्रा की जिंदगी जीने वाले लोग हैं दिहाड़ी मजदूरी करके अपने बच्चों को पालन पोषण करते हैं तो वही सरकार की ओर से कोई सुविधा उन्हें मुहैया नहीं कराई गई है।

20000 की आबादी वाले इस गांव के लोग इतने परेशान हो रहे हैं क्योंकि उनको ना तो सरकार की ओर से कोई सुविधा उपलब्ध कराई गई है ओर ना ही किसी प्रतिनिधि द्वारा अगर कुछ राशन आया भी है तो उसका कुछ पता नहीं लग पा रहा है क्योंकि वह गरीब लोगों तक नहीं पहुंच रहा है ऐसे में सोचने वाली बात यह है कि गांव में दो बैंक है जो कि अभी तक भी बंद ही पड़े हुए हैं और लोग अपनी जरूरत का सामान भी नहीं खरीद पा रहे हैं क्योंकि जो पैसा पीएम मोदी के द्वारा जनधन खातों में डाला गया था उसको निकालकर वह अपना गुजारा करते लेकिन बैंक ही बन्द पड़े है एक बात और सामने आ रही है कि जो ग्रामीण है वह अपने घर से बाहर निकलने के लिए भी परेशान है क्योंकि उनको कुछ सामान चाहिए हो तो वह कहां से लाएं सभी किराना की दुकानों को पूरी तरह पुलिस प्रशासन द्वारा बंद कराया जा रहा है वही कुछ मामले सामने ऐसे भी आ रहे हैं कि किसी का बच्चा या कोई भी घर का व्यक्ति बीमार होता है तो उसको रुड़की जाने की इजाजत तो नहीं है और गांव में जो डॉक्टर या मेडिकल है उनको भी पूरी तरह यहां पर बंद कराया गया है जबकि कुछ राहत किराना की दुकान और डॉक्टर को और मेडिकल स्वामियों को यहां पर मिलनी चाहिए थी क्योंकि यहां पर सभी मजदूर तरबा के लोग हैं जो कि रुड़की जाने में सक्षम नहीं है अब जिस तरह से पूरे पनियाला गांव को होमक्वारटाइन किया गया है तो गांव में भी उन लोगों को दवाई तक की सुविधा नहीं मिल पा रही है ऐसे में प्रशासन को ध्यान देना चाहिए और कुछ घंटों की मोहलत किराना की दुकानों और डॉक्टर मेडिकल इन सभी को देनी चाहिए जिससे कि कोई बड़ी समस्या ना पाए ओर जब तक यह गांव होम क्वारटाइन है तो ग्रामीणों के सामने कोई दिक्कत न आ पाए और बैंकों को भी खुलवाया जाए क्योंकि जो कोरोना पॉजिटिव का मरीज है वह हॉस्पिटल में है और जो लोग उसके सम्पर्क में आये थे वह सभी सही और उनकी रिपोर्ट भी नेगेटिव ही आयी है।

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