इस गाँव के लोगो के सामने आया संकट-लगता है इस गाँव को भूल गए जिलाधिकारी……

रुड़की
कोरोना वायरस जैसी माहमारी को देखते हुए पूरे भारत में 3.0 लोकडाउन आज से शुरू हो गया है वही बात करे उत्तराखंड की तो अभी तक 60 कोरोना के मरीज आये है जिनमे से 37 मरीज ठीक होकर अपने घर चले गए हरिद्वार जिले में सबसे पहला कोरोना का मरीज पनियाला गाँव से ही आया था जो कि राजेस्थान के अलवर से जमात कर वापस लौटा था वही उसके सम्पर्क में आये लोगो को भी स्वास्थ्य विभाग ने कवर्टाइन कर दिया था जिसके बाद पूरे गाँव को सील कर हॉमकंवर्टाइन कर दिया गया था।
आपको बता दे कि जिन लोगो को कंवर्टाइन किया गया था वह अपनी समय अवधि से ज्यादा कंवर्टाइन रहकर वापस आ गए थे और जो कोरोना का मरीज था वह भी ठीक होकर अपने घर आ गया था जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली थी पर सोचने वाली बात यह है कि इस गाँव मे गरीब तरबे के लोग भी रहते है जो कि रोज की दिहाड़ी मजदूरी करते है और अपने बच्चों का पालन पोषण उसी मजदूरी के पैसे से करते है लेकिन उनके सामने अब संकट की घड़ी है क्योंकि उनके पास न तो खाने को राशन तक कि दिक्कत है क्योंकि जो सरकार ने राशन दिया है उसमें सिर्फ चावल दिए गए है पर उन चावलों को खाने के लिए भी सब्जी आदि की जरूरतें होती है जो कि पैसों से ही पूरी हो पाएगी पर पनियाला गाँव की स्थिति ऐसी है की यहाँ के लोग गाँव से बहार तक नही जा सकते क्योंकि जो लोग थोड़ा बहुत काम करने के लिए घर से रूडकी तक जाना चाहते है बहार बैठी पुलिस उनको पुलिस वापस घर भेज देती है
गोरतलब है की जो युवक कोरोना का मरीज था और सम्पर्क में आये सभी लोग नेगेटिव निकले उसके बाद भी इस गाँव की सील खोलने से पीछे क्यों हट रहे है जिलाधिकारी क्या लोगो को भूका मरते देखना चाहते है या सरकार की जो गाइडलाइन है वह भी ताक पर रखकर चल रहे है अधिकारी जब पनियाला गाँव की स्थिति सामान्य हो गयी है तो कुछ तो हिदायत दी जाए इस गाँव को या फिर जो अधिकारी यहां तैनात किए गए उनसे यहाँ की रिपोर्ट मांगे और उसके बाद गाँव को खोले जाने या नही खोले जाने की बात का कुछ तो जवाब दे जिलाधिकारी पनियाला के ग्रामीणों को बहुत सारी समस्याओं से झूझ न पड़ रहा है सूत्र बता रहे है कि इस स्थिति को देखते है गाँव मे कुछ लोग राजनितिक भी कर रहे है क्योंकि कुछ काम सीखे कुछ डॉक्टर होते है जो कि गाँव मे छोटी दुकाने खोलकर लोगो की सेवा कर रहे होते है क्योंकि हर व्यक्ति इतना सक्षम नही है कि वह हॉस्पिटल चला जाए तो कुछ लोगो द्वारा राजनीति के चलते पुलिस वालों को उनके पास भेज कर उनकी दुकाने भी बन्द करवाई जा रही है अब ऐसे में ग्रामीण दवाई तक लेने के लिए कहा जाए इस माहमारी के चलते प्रशासन उनके साथ है या नही है तो ओर कोंन होगा जिलाधिकारी महोदय कृपया खबर का संघ्यान ले और पनियाला ग्रामीणों को राजनितिक लोगो से बचाकर ग्रामीणों को कुछ राहत प्रदान करो।