सफेदपोश के सामने दरगाह प्रशासन नतमस्तक, व्यक्ति विशेष के लिए खोले गए दरगाह के कपाट……

पिरान कलियर ब्यूरो रिपोर्ट
कहते हैं कि जब सत्ता का नशा सर चढ़कर बोलता है तो उसके सामने सभी नियम कानून धराशाही हो जाते हैं। ऐसा ही मामला पिरान कलियर दरगाह साबिर ए पाक में देखने को मिला है। जहां पर एक सफेदपोश के आगमन के कारण उच्च अधिकारियों के आदेश की धज्जियां उड़ाई गई है। सत्ता के नशे में चूर रसूखदार नेता ने लॉक डाउन के दौरान चार महिनों से बंद दरगाह साबिर ए पाक में हाजरी लगई। और जनाब के गले में दरगाह शरीफ की हरी चादर डालकर दरगाह कर्मचारियों द्वारा पूरा सम्मान किया गया या फिर उन कर्मचारियों द्वारा अपनी छवि साफ-सुथरी दिखाने का ढोंग रचा गया।
जानकारी के अनुसार पिरान कलियर स्थित दरगाह साबिर ए पाक सहित अन्य तीन दरगाहो को कोरोना वैश्विक महामारी के चलते हुए बंद कर दिया गया था। जिसमें उच्च अधिकारियों के आदेश पर बाहरी व्यक्ति दरगाह परिसर में पूर्ण रुप से प्रतिबंध लगा दिया था। कोविड 19 के चलते हुए दरगाह शरीफ के कपाट बंद है। 8 जून को देश के अधिकतर धार्मिक स्थलों को खोल दिया गया था लेकिन कलियर दरगाह को आम जनता, जायरीन /श्रद्धालुओ या व्यक्ति विशेष के लिए खोला नहीं गया था। इस समय दरगाह शरीफ सबके लिए बन्द है अभी तक दरगाह को खोले जाने का कोई फरमान नही आ पाया।ऐसे में किसी व्यक्ति विशेष के लिए दरगाह खोलकर जियारत कराना चर्चाओं का विषय बना हुआ है
दर्जा प्राप्त मंत्री के करीबी अपने कुछ समर्थको के साथ पिरान कलियर पहुँचे। उनके लिए न सिर्फ दरगाह खोली गई बल्कि जियारत भी करवाई गई। दरगाह प्रबंधक प्रवेज़ आलम ने बताया एक उच्चाधिकारी ने फोन पर मौखिक आदेश दिया था कि पिरान कलियर पहुँचे इन लोगों को दरगाह शरीफ की जियारत कराई जाए। प्रबन्धक ने बताया कि आदेश पर दरगाह शरीफ खोली गई और आये लोगों को जियारत कराई गई है। जियारत के बाद रसूखदार नेता वापस लौट गए, बन्दी और लॉकडाउन के दौरान दरगाह की जियारत होना चर्चाओं का विषय बना हुआ है। इस सम्बंध में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की नमामि बंसल ने बताया कि मामले की जांच करवाई जाएगी जो भी दोषी अधिकारी या कर्मचारी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।