खानकाह फैजान ए वाहिद में बनाया गया जश्ने शमशुल आजम……

बुरहान राजपूत (पिरान कलियर)
विश्व प्रसिद्ध दरगाह हजरत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर के सालाना उर्स के मौके पर खानकाह फैजाने वाहिद में शम्शूल आजम बनाया गया हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी पिरान कलियर में देश के कोने-कोने से जायरीन अपनी मन्नतें लेकर दरगाह साबिर ए पाक पहुंचे और सालाना उर्स में शिरकत की खानकाह फैजान ए वाहिद के गद्दीनशीन सैय्यद फरीद आलम साबरी की सरपरस्ती में नाते ए कलाम पेश किया गया। प्रोग्राम को कोविड 19 की गाइडलाइन अनुसार आयोजित किया गया। कुरान ख्वानी के बाद मुरीदों ने नाते पाक पढ़कर महफ़िल का शमां बना दिया। सैकडो की संख्या में पहुंचे मुरीदों ने नाते पाक का खूब लुत्फ उठाया खानकाह में मौजूद अकीदतमंद सूफियाना नाते पाक सुनकर झूम उठे पुरानी परंपराओं के साथ सभी रस्मों को निभाया गया है। मुरीदों ने इस बार साबिर पाक की शान में कलाम पढ़ें तो लोग मदहोश हो गए। क्योंकि इस बार प्रशासनिक अधिकारियों ने कोविड 19 को देखते हुए कव्वालियों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया था। जिसको देखते हुए प्रोग्राम में मुरीदों द्वारा ही नाते पाक पढ़कर महफ़िल की रौनक को बढ़ाया।
पीरोमुर्शीद सैय्यद फरीद आलम साबरी ने साबिर ए पाक के 752 वें उर्स की मुबारकबाद देते हुए बताया कि खानकाह फैजान वाहिद में जश्ने शम्शूल आजम बनाने की पुरानी परंपरा है इस परंपरा को लगातार सुफियाना तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है साबिर ए पाक के सालाना उर्स के मौके पर खानकाह फैजान ए वाहिद में जश्ने शम्शूल आजम बनाया गया। लेकिन इस बार कोरोना वैश्विक महामारी के चलते हुए कव्वालियों की महफ़िल कराने की अनुमति नहीं दी गई है। प्रशासनिक अधिकारियों का सहयोग करते हुए इस बार सोशल डिस्टेंसीग का पालन करते जश्ने श्मशुल आजम बनाया गया है। महफ़िल के बाद देश में अमन-चैन कायम रखने की दुआ मांगी गई।
इस मौके पर खानकाह फैजान ए वाहिद के गद्दीनशीन सैय्यद फरीद आलम जैदी साबरी, सैय्यद मुसहफ अहमद जैदी साबरी, साहबजादे रामीश अहमद जैदी, शावेज़ जैदी, गुड्डू मियां, सैय्यद वाशिफ मियां, राव शकील पूर्व प्रधान, राव फरमान, शाकिर रजा इंदौरी, राव भुरा, मेहरबान खान पार्षद,सुफी फिरोज रतलाम, राव अबरार, कालू साबरी, गुलफराज अल हसन,राव परवेज,डॉ तहसीम, राव फैजान साबरी,इमरान साबरी आदि सैकड़ों मुरीद मौजूद रहे।