April 9, 2025

ड्रग विभाग की बड़ी कार्रवाई, करोड़ों रुपये की नकली दवाईयों का जखीरा बरामद, छः लोग हिरासत में..

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ब्यूरो रिपोर्ट

रुड़की क्षेत्र में नकली दवाईयों का व्यापार लम्बे समय से चल रहा हैं। इसकी शिकायत ड्रग विभाग को लगातार मिल रही थी। विभाग के अधिकारी गोपनीय तरीके से बड़ी मछली को पकड़ने के लिए तलाश में लगे थे। आज आखिरकार वह दिन आ गया, जब बड़ा माफिया/ड्रग डीलर करोड़ों की प्रतिबंधित नकली दवाईयों के साथ टीम के हत्थे चढ़ गया। बाद में टीम गंगनहर कोतवाली पहंुची और 6 आरोपियों के खिलाफ सम्बन्धित धाराओं में मुकदमा दर्ज कराकर अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी। देर रात्रि तक नकली दवाईयों की गिनती जारी थी।

मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को ड्रग विभाग की टीम मुखबिर की सूचना पर रुड़की के सोलानीपुरम स्थित एक मैडिकल स्टोर पर पहंुची। जहां टीम को जांच के दौरान प्रतिबंधित दवाईयों का जखीरा मिला। इस पर पूछताछ में मैडिकल स्टोर स्वामी ने बताया कि यह दवाईयां उसे आदर्शनगर स्थित एक डीलर विपुल गोयल उपलब्ध करा रहा हैं। इस पर टीम मैडिकल स्टोर स्वामी को साथ लेकर बताये गये स्थान पर पहंुची। तो वहां एक घर में बड़ी मात्रा में गोदाम बना हुआ था। जिसमें करोड़ों रुपये की नकली दवाईयों का भण्डार लगा हुआ था। यह देखकर टीम के रोंगटे खड़े हो गये और उन्होंने गोदाम संचालक विपुल गोयल से कड़ी पूछताछ की, तो वह टूट गया और उसने बताया कि उसे यह दवाई नन्हेड़ा अनंतपुर स्थित कैनकेयर फार्मा कम्पनी के संचालक गौरव त्यागी द्वारा दी गई हैं। वह नकली दवाई बनाकर उसे उपलब्ध कराता और उसके बाद वह अन्य जगह वितरित करता था। इस पर जेएम नमामि बंसल के नेतृत्व में ड्रग विभाग की टीम दो आरोपियों को साथ लेकर नन्हेड़ा अनंतपुर स्थित उक्त कम्पनी में पहंुची, तो पाया कि भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित दवाईयों का बड़ा जखीरा कम्पनी में रखा हुआ मिला। जिसकी गिनती जारी हैं। टीम अभियुक्तों को लेकर गंगनहर कोतवाली पहंुची और लिखा-पढ़ी के बाद मुकदमा दर्ज कराकर 6 आरोपियों को पुलिस के सुपुर्द किया। वहीं गंगनहर कोतवाल मनोज मैनवाल का कहना है कि सभी आरोपियों को कल (आज) कोर्ट में पेश किया जायेगा। ड्रग विभाग की इस छापेमार कार्रवाई से नकली दवाई बनाने वाले माफियाओं में हडकंप मचा हुआ है। सनद रहे कि इससे पूर्व भी माधोपुर गांव स्थित एक कम्पनी में पुलिस ने ड्रग विभाग के साथ छापेमार कार्रवाई की थी। जिसमें करोड़ों रुपये की नकली दवाईयों का जखीरा बरामद हुआ था। इस मामले में पुलिस ने कम्पनी संचालक प्रवीण त्यागी समेत दो लोगों को जेल भेज दिया था।

इसके बावजूद भी चुनिंदा कम्पनी के संचालक माफियाओं से मिलकर लगातार नकली दवाईयों को बनाने का काम कर रहे थे, जिस पर शुक्रवार को ड्रग विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई की और जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले छः अभियुक्तों को धर दबोचा। बताया गया है कि इस मामले मंे एक बड़ा गिरोह काम कर रहा हैं, जिसकी कमर तोड़ने के लिए ड्रग विभाग लगातार छापेमारी अभियान चला रहा हैं। इस कार्रवाई में ड्रग इंस्पेक्टर मानेन्द्र राणा की अहम भूमिका रही और उन्होंने इस घिनौनी धंधे का भांडा फोड़कर एक मिशाल पेश की, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति नकली दवाई बनाने की हिम्मत न कर सके। टीम में जेएम नमामि बंसल, एफडीए (खाद्य एवं औषधि प्रशासन) विजीलेंस सेल के एएसपी मिथलेश सिंह, सीडीसी सुरेन्द्र सिंह भण्डारी, एफडीआई के एसआई आरके रतूड़ी, योगेन्द्र नेगी, पंत जी शामिल रहे।

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