पीसीबी अधिकारी की शह पर लोगों को बीमारी बांट रहा पंचवटी फैक्ट्री प्रबन्धन, ग्रामीणों में आक्रोश..

ब्यूरो रिपोर्ट
पुहाना स्थित पंचवटी फैक्ट्री का दूषित पानी कई वर्षो से लगातार ग्रामीणों के घरों में घुस रहा हैं, जिससे ग्रामीणों को बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि फैक्ट्री के दूषित पानी से उनके घर में रखे गेहूं, कपड़े व अन्य कीमती सामान खराब हो रहा हैं और मवेशियों के दूषित पानी पीने से उनमें बीमारियां फैल रही हैं। इसके कारण दर्जनों मवेशियों की जान भी जा चुकी है। जहां एक और पूरे विश्व में कोविड-19 महामारी का आतंक फैला हुआ हैं, वहीं पुहाना स्थित पंचवटी फैक्ट्री से निकलने वाले कैमिकल युक्त गंदे पानी से लोग भी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। इस सम्बन्ध में जब प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण संरक्षण बोर्ड रुड़की के निरीक्षक राजेन्द्र सिंह कठैत से जानकारी ली गई, तो उन्होंने कहा कि उनके द्वारा मामले की जांच की गई थी, जिसकी रिपोर्ट 10 दिन में आती हैं। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि इस घटना को उनके संज्ञान में लाये हुये 3 माह का समय बीत गया हैं, आज तक भी इस कैमिकल युक्त पानी का रिसाव बंद नहीं हो पाया। ऐसे में पीसीबी अधिकारी की कार्यशैली को ग्रामीण संदेह हास्यपद मान रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि उनका जीवन नारकीय हो गया हैं, फैक्ट्री प्रबन्धन इस दूषित पानी का कोई इंतजाम नहीं कर रहा हैं, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा हैं। वहीं ग्रामीणों ने कहा कि शासन-प्रशासन को भी इस मामले से अवगत कराया गया, लेकिन नतीजा सिफर रहा। शिकायकर्ताओं का कहना है कि इस दूषित पानी ने दिन का चैन और रात की नींद हराम कर दी हैं। आखिर ऐसे क्या कारण है? कि फैक्ट्री प्रबन्धन अपने प्रदूषित पानी का इंतजाम क्यों नहीं कर रहा हैं तथा हमें बीमारी बांटने का काम कर रहा हैं। उन्होंने साफ कहा कि यदि समय रहते प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी नहीं जागे, तो वह फैक्ट्री का कामगाज ठप्प करते हुए सड़कों पर आकर आन्दोलन करने को मजबूर हो जायेंगे। जिसकी जिम्मेदारी पीसीबी अधिकारियों के साथ ही शासन-प्रशासन की होगी। शिकायतकर्ताओं ने कहा कि फैक्ट्री प्रबन्धन उंचे रसूख वाला हैं और उसी के बल पर वह उनका शोषण करने में लगा हैं।