(घर का भेदी लंका ढाये) यह प्रत्याशी हारते है तो अपने बनेंगे हारने की वजह…..

ब्यूरो रिपोर्ट
घर का भेदी लंका ढाए वाली कहावत पूरी होती नजर आ रही है। जी हां, हम बात कर रहे हैं रुड़की नगर निगम चुनाव मे भाजपा की। भाजपा मे कुछ ऐसे लोग मयंक गुप्ता के खास बने हुए है जो उनके चुनाव को बंटा लगाने मे लगे है। चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है लेकिन एक नेता ऐसे भी हैं जो कि सत्ता के नशे में इतने चूर है कि उनका मैनेजमेंट देख रहे हैं कुछ लोगो का उन्हें ध्यान ही नही है।
जोकि उन्हें हराने की फिराक में है। जी हां हम बात कर रहे हैं रुड़की के नगर निगम के भाजपा प्रत्याशी मयंक गुप्ता की जिन्होंने अपना मैनेजमेंट सौरभ गुप्ता और दीपक मित्तल व रामगोपाल कंसल जैसे लोगो के हाथ में छोड़ा हुआ है। अब उनके काम से यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर मयंक गुप्ता हारते हैं तो उनके हारने के पीछे सबसे बड़ी वजह उनका मैनेजमेंट देख रहे हैं इन व्यक्तियों की होगी। क्योंकि यहां देखा जाये तो पूरे इलेक्शन की कमान संभाल रहे ये लोग फोन भी उठाना उचित नहीं समझते। अब जो लोग उनको मीटिंग या झंडे डंडे के लिए फोन कर रहे हैं या उनसे मिलना चाहते हैं वह उनका फोन रिसीव तक नहीं करते। इससे यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह वह लोग हैं जो शायद भाजपा प्रत्याशी को हराना चाहते हैं।
रुड़की की जनता की मानें तो और जो मेयर पद के और दावेदार हैं उनकी जुबानी जाने तो उनका कहना यह है कि यह चुनाव भाजपा प्रत्याशी मयंक गुप्ता नहीं बल्कि राज्य की सरकार वह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ही इस चुनाव को लड़ रहे जिसको लेकर रुड़की में नेता व मंत्री गण शुरू से ही अपना डेरा डाले हुए हैं और रुड़की नगर निगम के हर घर मैं डोर टू डोर घूम कर भाजपा के पक्ष में वोट की अपील कर रहे हैं लेकिन भाजपा प्रत्याशी का मैनेजमेंट देख रहे कुछ लोग शायद उनको हराने की फिराक में लगे हुए हैं अगर मयंक गुप्ता यह नगर निगम का चुनाव हारते है तो उन्हें हराने में एहम भूमिका उनका मैनजमेंट देख रहे लोगो की होगी क्योंकि उन्होंने यह कमान उन लोगो के हाथों में थमाई है जो किसी का फोन भी उठाना उचित नही समझते है ।